आजकल भाव सब सूख से गए हैं आँखों से पानी भी गिरता नहीं परछाई भी जैसे जुदा जुदा सी है मन भी अब पाखी बन उड़ता नहीं पंख भी जैसे क़तर गए हैं. पर फिर भी ये दिल धडकता है ज्यादा इत्मीनान से. ख़ुशी भी झलकती है अपने पूरे गुमान से हाँ पर ख़्वाबों को मेरे ज़ंग लग गई है…
कोई मिस्टर जलजला एकाध दिन से स्वयम्भू चुनावाधिकारी बनकर.श्रेष्ठ महिला ब्लोगर के लिए, कुछ महिलाओं के नाम प्रस्तावित कर रहें हैं. (उनके द्वारा दिया गया शब्द, उच्चारित करना भी हमें स्वीकार्य नहीं है) पर ये मिस्टर जलजला एक बरसाती बुलबुला से ज्यादा कुछ नहीं हैं, पर हैं तो कोई छद्मनाम धारी ब्लोगर ही ,जिन्हें हम बताना चाहते हैं कि हम…
यूँ तो भारत जाना हमेशा ही सुखद होता है ..परन्तु इस बार कुछ ज्यादा ही उत्सुकता थी ..काफी सारी योजनायें बना लीं थीं , बहुत सारे मनसूबे बाँध लिए थे….इस आभासी दुनिया के कुछ मित्रों से वास्तविक रूप में मिलने की उम्मीद थी…..जी हाँ उम्मीद ही कह सकते हैं , क्योंकि भारत पहुँच कर कुछ अपाहिजों जैसी हालत हो जाती है हमारी…
जी हाँ …हम बेकार ही विदेशी इवेंट्स मनाने में हंगामा करते हैं ..कि वेलेंटाइन डे. क्रिसमस ..विदेशी त्यौहार है हम नहीं मनाएंगे इनसे हमारी संस्कृति को खतरा है..परन्तु और कुछ हो न हो थोड़ी व्यावहारिकता, और डिप्लोमेसी हमें इन अंग्रेजों से सीख ही लेनी चाहिए..हमसे ,हमारे ही बारे में सब जानकार अपना फायदा कैसे किया जाता है ये गुण बेशक…



