सुबह की धुंध में उनीदीं आँखों से देखने की कोशिश में सिहराती हवा में, शीत में बरसते हो, बर्फीली ज्यूँ घटा से. लिहाफों में जा दुबकी है मूंगफली की खुशबू. आलू के परांठे पे गुड़ मिर्ची करते गुफ्तगू. लेकर अंगडाई क्या मस्ताते हो हाय दिसंबर तुम बहुत प्यारे हो.…







