अपनी स्कॉटलैंड यात्रा के दौरान एडिनबरा के एक महल को दिखाते हुए वहां की एक गाइड ने हमें बताया कि उस समय मल विसर्जन की वहां क्या व्यवस्था थी। महल में रहने वाले राजसी लोगों के पलंग के नीचे एक बड़ा सा कटोरा रखा होता था। जिसमें वह नित मल त्याग करते थे और फिर उसे सेवक ले जाकर झरोखों / खिडकियों से नीचे…
लोकप्रिय प्रविष्टियां
कल एक आधिकारिक स्क्रिप्ट पर आये फीडबैक को देखकर मेरे एक कलीग कहने लगे, – “ऐसे फीडबैक देते हैं तुम्हारे यहाँ? लग रहा है सिर्फ कमियां ढूंढने की कोशिश करके पल्ला झाड़ा गया है, बजाय इसके कि इसमें सुधार के लिए कोई गाइड लाइन दी जाती” अब मैं उन्हें यह क्या बताती कि शायद हमारे उन अधिकारी को इसी काम के लिए रखा…
जबसे भारत से आई हूँ एक शीर्षक हमेशा दिमाग में हाय तौबा मचाये रहता है “सवा सौ प्रतिशत आजादी ” कितनी ही बार उसे परे खिसकाने की कोशिश की.सोचा जाने दो !!! क्या परेशानी है. आखिर है तो आजादी ना. जरुरत से ज्यादा है तो क्या हुआ.और भी कितना कुछ जरुरत से ज्यादा है – भ्रष्टाचार , कुव्यवस्था, बेरोजगारी, गरीबी , महंगाई…
वेरोनेश युनिवेर्सिटी. अब तक आप ये तो यहाँ पढ़ ही चुके हैं कि कैसे हम गिरते पड़ते अपना रुसी भाषा का फाउन्डेशन कोर्स करने अपनी पहली मंजिल वोरोनेश तक पहुंचे थे | अब शुरू होता है उसके आगे का सफ़र. १९९०-९१ का वो समय रशिया में पेरोस्त्रोइका का था बहुत से बदलाव आ रहे थे | बाहरी दुनिया से रशिया का परिचय…
मोबाइल और टेबलेट जैसी नई तकनीकियों के आने से एक फायदा बहुत हुआ है कि कहीं कैफे या रेस्टौरेंट में अकेले बैठकर कुछ खाना पीना पड़े तो असहजता नहीं होती, यह एहसास नहीं होता कि कोई घूर रहा है. या कोई यह सोच रहा है कि भला अकेले भी कोई खाने पीने बाहर आता है. क्योंकि अब कोई भी, कभी…