एक पुरानी यूनानी (Greek) पौराणिक कथा है कि जब ईश्वर संसार की रचना कर रहा था तो उसने एक छलनी से मिट्टी छान कर पृथ्वी पर बिखेरी. जब सभी देशों पर अच्छी मिट्टी बिखर गई तो छलनी में बचे पत्थर उसने अपने कंधे के पीछे से फेंक दिए और उनसे फिर ग्रीस (यूनान) बना. बेशक यह एक किवदंती रही हो…
लोकप्रिय प्रविष्टियां
मुस्कुराहटें संक्रामक होती है बहुत तेजी से फैलती हैं साथ ही चिंता, दुःख जैसे वायरस के लिए एंटी -वायरल भी होती है. फिर वह मुस्कुराहटें मरीज की हों या मरीज के साथ वाले की उनका प्रभाव सामने वाले पर अवश्य ही पड़ता है और इसी मुस्कराहट से उपजी सकारात्मकता से बेशक मुश्किलें न सुलझें पर कुछ वक्त के लिए भुलाई…
अपनी अभिलाषाओं का तिनका तिनका जोड़मैने एक टोकरा बनाया था,बरसों भरती रही थी उसेअपने श्रम के फूलों से,इस उम्मीद पर किजब भर जायेगा टोकरा तो,पूरी हुई आकाँक्षाओं को चुन केभर लुंगी अपना मन।तभी कुछ हुई कुलबुलाहट मन मेंधड़कन यूँ बोलती सी लगीदेखा है नजरें उठा कर कभी?उस नन्ही सी जान को बसहै एक रोटी की अभिलाषा उस नव बाला को बसहै रेशमी आँचल…
कुछ कोमल से अहसास हैं कुछ सोये हुए ज़ज्वात हैं है नहीं ये ज्वाला कोई सुलगी सुलगी सी आग है कुछ और नहीं ये प्यार है। धड़कन बन जो धड़क रही ज्योति बन जो चमक रही साँसों में बसी सुगंध सी महकी महकी सी बयार है कुछ और नहीं ये प्यार है। हो कोई रागिनी छिडी जेसे रिमझिम पड़ती बूंदे…
आज शायद 22 साल बाद फिर इस शहर में यह सुबह हुई है। रात को आसमान ने यहाँ धरती को अपने प्रेम से सरोबर कर दिया है। गीली मिट्टी की सुगंध के साथ धरा महक उठी है। आपके इस शहर में आज फिर हूँ। हर तरफ आपके चिन्ह दिखाई पड़ते हैं। वह नुमाइश ग्राउंड में लगे बड़े से पत्थर पर…