एक ज्योतिषी ने एक बार कहा थाउसे वह मिलेगा सबजो भी वह चाहेगी दिल सेउसने मांगापिता की सेहत,पति की तरक्की,बेटे की नौकरी,बेटी का ब्याह,एक अदद छत.अब उसी छत पर अकेली खड़ीसोचती है वोक्या मिला उसे ?ये पंडित भी कितना झूठ बोलते हैं. ************************ चाहते हैं हम कि बन जाएँ रिश्ते जरा से प्रयास से थोड़ी सी गर्मी से और थोड़े से…
लोकप्रिय प्रविष्टियां
वोआते थे हर साल। किसी न किसी बहाने कुछ फरमाइश करते थे। कभी खाने की कोई खास चीज, कभी कुछ और। मैं सुबह उठकर बहन को फ़ोन पे अपना वह सपना बताती, यह सोचकर कि बाँट लुंगी कुछ भीगी बातें। पता चलता कि एक या दो दिन बाद उनका श्राद्ध है। मैं अवाक रह जाती। मुझे देश से बाहर होने…
कौन कहता है कि युवा वर्ग किताबें (हिंदी) नहीं पढता ? यदि वह आपके लेखन से खुद को रिलेट कर पाता है तो अवश्य ही पढता है. पढता ही नहीं अपने व्यस्ततम जीवन से समय निकाल कर अपनी प्रतिक्रया भी आपको लिख भेजता है. हाँ शर्त यह है कि किताबें उसके पढने के लिए उपलब्ध तो हों. आई आई टी…
चढ़ी चूल्हे पर फूली रोटी, रूप पे अपने इतराए पास रखी चपटी रोटी, यूँ मंद मंद मुस्काये हो ले फूल के कुप्पा बेशक, चाहे जितना ले इतरा पकड़ी तो आखिर तू भी, चिमटे से ही जाए. *** लड्डू हों या रिश्ते, जो कम रखो मिठास(शक्कर) तो फिर भी चल जायेंगे। पर जो की नियत (घी) की कमी, तो न बंध…