लोकप्रिय प्रविष्टियां

तू शिव है मैं शक्ति नहीं तू सत्य है मैं असत्य सही तू सुन्दर है मैं असुंदर वही पर कुछ है जो भीतर है गुनता है पर दिखता नहीं तूने कभी पूछा नहीं मैंने भी तो कहा नहीं कदाचित प्रेम है तभी तुलता नहीं।…

अब उन पीले पड़े पन्नो से उस गुलाब की खुशबू नहीं आतीजिसे किसी खास दो पन्नो के बीच दबा  दिया करते थे जो छोड़ जाता थाअपनी छाप शब्दों परऔर खुद सूख कर और भी निखर जाता था  ।अब एहसास भी नहीं उपजते उन सीले पन्नो से जो अकड़ जाते थे खारे पानी को पीकरऔर गुपचुप अपनी बात कह दिया करते थे।भीग कर लुप्त हुए शब्द भी, अब कहाँ कहते…

काला धन काला धन सुन सुन कर कान तक काले हो चुके हैं ।  यूँ मुझे काला रंग खासा पसंद है। ब्लेक ब्यूटी की तो खैर दुनिया कायल है पर जब से जानकारों से सुना है की काले कपड़ों में मोटापा कम झलकता है तब से मेरी अलमारी में काफी कालापन दिखाई देने लगा है।  परन्तु काले धन के दर्शन…

बच्चों की छुट्टियाँ ख़त्म होने को आ गईं हैं और उनका सब्र भी …ऐलान कर दिया है उन्होंने कि आपलोगों को हमारी कोई परवाह नहीं बस अपने काम से काम है. हम सड़ रहे हैं घर पर .बात सच्ची थी तो गहरा असर कर गई .इसलिए हम जा रहे हैं एक हफ्ते की छुट्टी पर बच्चों को घुमाने . तब…

अपनी अभिलाषाओं का तिनका तिनका जोड़मैने एक टोकरा बनाया था,बरसों भरती रही थी उसेअपने श्रम के फूलों से,इस उम्मीद पर किजब भर जायेगा टोकरा तो,पूरी हुई आकाँक्षाओं को चुन केभर लुंगी अपना मन।तभी कुछ हुई  कुलबुलाहट मन मेंधड़कन यूँ बोलती सी लगीदेखा है नजरें उठा कर कभी?उस नन्ही सी जान को बसहै एक रोटी की अभिलाषा उस नव बाला को बसहै रेशमी आँचल…

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